रेत के घरौंदे बनाते-बनाते, कब अपना घर बनाना सीख जाती हैं... पता ही नहीं चलता...। रेत के घरौंदे बनाते-बनाते, कब अपना घर बनाना सीख जाती हैं... पता ही नहीं ...
हमने मिलकर फिर से छोटे-छोटे रेत के घरोंदे बनाए।। हमने मिलकर फिर से छोटे-छोटे रेत के घरोंदे बनाए।।
रेत - सी कुछ यूँ घुली है ज़िन्दगी की सूखे पत्ते सी लगी है ज़िन्दगी ! रेत - सी कुछ यूँ घुली है ज़िन्दगी की सूखे पत्ते सी लगी है ज़िन्दगी !
एक बरस तो बीत गया, बाहर का रास्ता भूल गया एक बरस तो बीत गया, बाहर का रास्ता भूल गया
कभी उसे देखती हूँ चलते हुए दरख्तों के बीच से..... शायद हरियाली की आस में.... कभी उसे देखती हूँ चलते हुए दरख्तों के बीच से..... शायद हरियाली की आस में....
भूत, भविष्य और वर्तमान, सब सुन्दर और स्वप्निल हो जाता है। भूत, भविष्य और वर्तमान, सब सुन्दर और स्वप्निल हो जाता है।